
जब अंतरास्ट्रीय यात्रा की बात आती है तो इस बात से उतना फर्क नहीं पड़ता की आप कहाँ जा रहे है जितना इस बात से पड़ता है कि आप कहाँ से आ रहे हैं। MostPowerful Passports अलग-अलग देश के पासपोर्ट यात्रा की आजादी के अलग-अलग नियमों को दर्शाते हैं। जैसे की कुछ यात्री सीमा शुल्क देकर कई देशों की यात्रा कर सकते है और कई महीनों या साल तक विदेश में रह सकते हैं। जबकि कुछ यात्रियों को महंगा वीजा, निश्चित समय सीमा तथा भाड़ी शोधन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इस प्रकार की विसंगति क्यों है ? वें कौन से देश हैं जिनके पास सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट है ?
पासपोर्ट अपने देश की अंतरास्ट्रीय स्तर को दर्शाते हैं, जो ज्यादा सकरात्मक कूटनीतिक संबंधों वाले देश होतें हैं उनके पास सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट होता है। क्योंकि उन देशों के नेता संयुक्त रूप से द्विपक्षीय वीजा समझौते पर हस्ताक्षर करते हैं। उदाहरण के लिए अफ़ग़ान पासपोर्ट धारक बहुत सीमित देशों की यात्रा कर सकते हैं क्योंकि देश कई अंतराष्ट्रीय संघर्षों में उलझा हुआ है। 2017 पासपोर्ट इंडेक्स के अनुसार किसी देश के नागरिक दुनिया भर के जितने देशों में बिना वीजा के प्रवेश कर सकते है उस संख्या के आधार पर देशों की रैंकिंग की गई है।
सिंगापुर का पासपोर्ट दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट में से एक है। सिंगापुर की विदेश नीति को कई अंतराष्ट्रीय मित्रों के लिए सकारात्मक बनाते हुए तैयार किया गया है। आसियान के तहत दक्षिण पूर्व एशियाई देशों को एकजुट करने के अपने प्रयासों पर ध्यान देने के बजाय सिंगापुर ने ‘ शीत युद्ध ‘ के दौरान एक निष्पक्ष रूप अपनाया। आज सिंगापुर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में एक सक्रिय भूमिका निभाता है और यह सुनिश्चित करता है कि छोटे राष्ट्र अंतराष्ट्रीय मामलों पर अपनी बात रखें। सिंगापुर मलेशिया के साथ भी मैत्रीपूर्ण रिस्ता रखता है, आज 50 से ज्यादा साल हो गए जब मलेशिया राजनीतिक और नस्लीय तनाव के बीच सिंगापुर से अलग हुआ था। अपने अच्छे अंतराष्ट्रीय गतिविधियों के कारण सिंगापुर के पासपोर्ट धारक सभी यूरोपीय देशों सहिंत 158 देशों के लिए बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं।
स्वीडन भी विदेश नीति के लिए एक सामान दृष्टिकोण रखता है तथा स्वीडन का पासपोर्ट भी दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट में से एक है। एक निष्पक्ष राज्य के रूप में स्वीडन अक्सर काम शक्तिशाली राष्ट्रों के संरक्षक के रूप में कार्य करता है और अंतराष्ट्रीय विवादों में मध्यस्थता करता है। स्वीडन के नागरिक 157 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं।
लेकिन जब बात आती है दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट की तो वो है जर्मनी का पासपोर्ट। जर्मनी के नागरिक 158 देशों की यात्रा बिना वीजा के कर सकते हैं। जर्मनी विश्वव्यापी सहयोग संगठनों का सबसे मजबूत समर्थक है जर्मनी कई अंतराष्ट्रीय संगठनों का सदस्य है जिनमे UN,EU,NATO तथा OECD जैसे संगठन आते हैं जर्मनी अन्य सदस्य देशों की तुलना में यूरोपीय संघ के निवल वित्तपोषण में अधिक योगदान देता है। जलवायु परिवर्तन परमाणु हथियार विकास और आतंकवाद जैसे वैश्विक समस्याओं को सुलझाने में जर्मनी प्रमुख भूमिका निभाता है और यूरोपीय संघ में संघर्ष कर रहे देशों (जैसे ग्रीस) के समस्याओं के हल करने क लिए अपने स्वयं के बजट का इस्तेमाल भी करता है।
अन्य राष्ट्रों के साथ मित्रता स्थापित करना ही केवल एक तरीका नहीं है बड़े पैमाने पर वीजा-फ्री यात्रा पाने का। चीन जैसे कुछ देशों ने यात्रा के स्वतंत्रता में वृद्धि देखी है क्योंकि उनके नागरिकों की औसत संख्या अमीर हो गई है। 2015 में जापान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने चीनी पर्यटकों पर वीजा प्रतिबंधों को सुलझाया संभवतः आर्थिक लाभ के कारण वे इनके साथ आए। पासपोर्ट सूचकांक यह भी बताता है की वैश्विक सुपरपावर का नागरिक होना किसी के यात्रा की स्वतंत्रता के लिए महत्वपूर्ण नहीं है। ग्लोबल पासपोर्ट इंडेक्स में संयुक्त राज्य अमेरिका चौथे स्थान पर आता है क्योंकि वियतनाम जैसे देशों के साथ सम्बंध अब भी कुछ हद तक तनावपूर्ण है।
अंततः किसी देश की यात्रा की आजादी उसके नागरिकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। दुनिया में कहीं भी आने-जाने की क्षमता किसी व्यक्ति के आर्थिक अवसर, उन्नति और जीवन की सामान्य गुणवत्ता से सम्बंधित है। आज के वैश्वीकरण के युग में शक्तिशाली पासपोर्ट पहले की अपेक्षा ज्यादा महत्वपूर्ण है।
ग्लोबल पासपोर्ट इंडेक्स में भारत 77वें पायदान पर है और भारत के नागरिक 49 देशों में वीजा-फ्री जा सकते हैं।
– चीन और पाकिस्तान क्रमश: 57 एवं 25 देशों की वीजा-फ्री यात्रा अनुमति के साथ 70वें और 94वें पायदान पर है।
– अफ़ग़ानिस्तान का पासपोर्ट सबसे काम शक्तिशाली है ये 22 देशों की वीजा-फ्री यात्रा के साथ 95वें पायदान पर है।
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